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व्हाट्सएप, स्काइप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर महिलाओं का अश्लील चित्रण करना गैरकानूनी और दंडनीय हो सकता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने यह प्रस्ताव संशोधित कानून में रखा है। महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधि (निषेध) कानून 1986 के दायरे को बढ़ाने के लिए यह संशोधन किया जा रहा है। यह बदलाव राष्ट्रीय महिला आयोग की सिफारिशों और संसदीय स्थायी समिति की टिप्पणियों के आधार पर किया जा रहा है। साथ ही संचार के क्षेत्र में आए आधुनिक तकनीक को देखते हुए प्रस्तावित संशोधन सुझाए गए हैं। नई तकनीकी को ध्यान में रखते हुए मौजूदा कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है। 

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